नंगी लड़की फोरप्ले सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी दोस्त के फ़्लैट में गया तो मुझे वहां उसकी सहेली पूरी नंगी हालत में मिली. हम दोनों बाथरूम में कैसे सेक्स का मजा लेने लगे?
दोस्तो, मैं आमोद एक बार फिर से अपने कड़क लंड के साथ आपके सामने हाजिर हूँ.
मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग
में अपने पढ़ा था कि मैं बाथरूम में नंगा नहा रहा था और उर्वशी की रूम पार्टनर अञ्जलि फ्लैट में आ गई और पूरी नंगी होकर बाथरूम में घुसने लगी.
मैं हड़बड़ा गया और हम दोनों ने जल्दी जल्दी एक दूसरे से पर्दा किया.
तभी उर्वशी का फोन आ गया.
अब आगे Nangi Ladki Foreplay Sex Kahani:
उर्वशी से बात करके मैं वापस आया तो वो लड़की वहां पर नहीं थी.
मैंने दूसरे कमरे के पास पहुंच कर जैसे ही दरवाजा खटखटाने के लिए हाथ उठाया लेकिन दरवाजे को खटखटाने की हिम्मत नहीं हुई.
मैं वापस उर्वशी के रूम की तरफ बढ़ा ही था कि तभी कान पर फ़ोन लगाए, उसी लड़की ने दरवाजा खोला.
वो फोन पर बात करती हुई बोली- अरे यार, बात तो देती कि तुम्हारे आमोद जी यहीं पर ही हैं. अब सब दर्शन हो गए, तब बता रही है.
जब उसने मेरा नाम लिया, तब मुझे पता चला कि उसने उर्वशी को कॉल किया है.
उसने बात पूरी की और फोन काटा.
उसको देख मैंने उससे सॉरी बोला.
तभी वो बोली- सॉरी आप क्यों कह रहे हैं? मुझे ही ध्यान रखना था, बिना कोई गलती किए आप सॉरी मत कहो.
मैंने कहा- गलती मेरी है, मुझे कुंडी लगानी चाहिए थी, लेकिन मुझे लगा कि यहां तो मैं अकेला ही तो हूँ, इसलिए नहीं लगाई कुंडी.
मैंने उसकी ओर प्यासी नजरों से देखा, उसने मेरे आंखों में आंखें डालते हुए कहा- ठीक है हम दोनों में से किसी की गलती नहीं, खुश अब?
मैं चुप रहा.
उसने अपना हाथ मिलने के लिए बढ़ाते हुए कहा- हैलो, मैं अञ्जलि.
मैंने हाथ मिलाया और बोला- मुझे 5 मिनट चाहिए, फिर आप शॉवर ले लेना.
मैं बाथरूम की तरफ बढ़ा तो बाथरूम के सामने, उसके अंडरगारमेंट्स वहीं फर्श पर पड़े थे.
मैंने पलट कर अञ्जलि को देखा, तो उसने मुस्कुराते हुए नज़रें नीची कर लीं और अपने पैर के अंगूठे से फर्श कुरेदने लगी.
मुझे अञ्जलि इस वक़्त कामुक लगी.
गेहुंआ बदन, बड़ी आंखें, भारी भोंहें देखते हुए उसकी मस्त साइज की उठी हुई चूचियों पर मेरी नज़रें ठहर गईं.
मेरे नत्थूलाल को अब अञ्जलि की बिल्ली संग कामक्रीड़ा करने की उमंग-तरंग जाग गईं.
उर्वशी के कहे शब्द याद आने लगे ‘मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं, भले अञ्जलि के साथ नहा लो!’
उसके ये शब्द मेरे मस्तिष्क में गूंज रहे थे.
मैंने अञ्जलि पर काम-बाण साध लिया और उसकी तरफ बढ़ ही रहा था कि तभी उसके फ़ोन की घंटी बजी.
उसने फ़ोन पिक किया और उधर दूसरी तरफ की कुछ बात सुनी, फिर बोली- ठीक है.
ये बोल कर फ़ोन काट दिया.
मुझे उसकी आवाज तो सुनाई दी लेकिन मैं अपने ख्यालों में अञ्जलि को वस्त्रहीन नग्न देख रहा था.
अञ्जलि मेरी नज़र और भावनाओं को समझ गई थी या शायद उसे भी मेरी जरूरत थी.
वो अपने अंडर गारमेंट्स उठाने के लिए, बड़ी कामुक मुस्कुराहट के साथ आगे बढ़ी.
उसने अपनी ब्रा पैंटी झुक कर उठाई और जैसे ही खड़ी हुई, उसका फिर से फ़ोन बजा.
उसने वहीं खड़े खड़े फ़ोन उठाया और हैलो बोला.
फिर बोली- ठीक है शालिनी, नौ बजे तक मैं रेडी हो जाऊंगी, तुम मुझे अपने साथ पिक कर लेना … बाय.
वो बाय बोल कर फोन काटती हुई पलटी और बोली- आप आराम से एंजॉय करते हुए नहा लीजिये आमोद जी, मुझे जल्दी नहीं.
अञ्जलि अपने रूम की तरफ जाने के लिए पलटी ही थी कि मैंने अपना तौलिया खोला और उसको पुकारा- सुनिए.
अञ्जलि वहीं रुक गई.
मैं बोला- क्या साथ में एन्जॉय करते हुए शॉवर लेना पसंद करोगी?
उसने पलटते कर मेरी तरफ देखा, मैं उसके सामने पूरा नंगा खड़ा था और सिरफटे साहब भी अञ्जलि के सम्मान में अर्धमूर्छा में भी आदर पूर्वक खड़े थे.
वो बोली कुछ नहीं, लेकिन बस निचला होंठ का अंदरूनी हिस्सा अपने दांतों में दबाये हुए एकटक लंड को प्यासी नजरों से देखती रही.
अञ्जलि की आंखें कुछ देर पहले तक विकराल हो रहे नत्थूलाल पर जम गईं, जोकि मूर्छित होने होने के बाद भी कड़क अवस्था में थे.
इस अवस्था में नत्थूलाल को देखकर अञ्जलि ने ‘इश्श …’ करती आवाज में गहरी सांस ली.
अपने होंठ दांतों से चबाते हुए अपने दाएँ हाथ की हथेली को नीचे ले जाकर, नत्थूलाल को ऊपर उठाया.
मैंने अपने हाथों को उसके पेट के तरफ ले जाकर उसकी बाथ गाउन की बेल्ट खोल दी.
अपने हाथ की उंगलियों से गर्दन पर गुदगुदी भरी छुअन से उसको छूते हुए, उसके सामने से घूमा और दो कदम चलकर उसके पीछे खड़ा हो गया.
अपने होंठों को उसके कान के पास ले जाकर बोला- अञ्जलि, अगर आपकी परमिशन हो तो हम दोनों मिल कर गलती कर सकते हैं, ताकि एक दूसरे को सॉरी कह सकें.
वो कुछ कहती, इससे पहले ही मैं वापस बोल पड़ा- अञ्जलि जी, मैं आपके साथ शॉवर लेना चाहता हूँ.
ये कह कर मैंने उसका बाथ गाउन पकड़कर नीचे की तरफ खींच कर सरकाया तो गाउन फर्श पर जा गिरा.
कुछ पल तक अञ्जलि वैसे ही खड़ी रही और उसके पीछे खड़े हुए मैं अपनी आंखों से उसके नग्न बदन छूने लगा.
उसकी हाइट लगभग 5 फुट 4 इंच थी. कंधों से नीचे ब्रा बंधने की जगह को छूती उसकी घनी काली स्ट्रेट की हुई जुल्फें, नाजुक सी 30 की कमर और 36 के नितम्ब.
जब काफी देर मैंने उसको छुआ नहीं तो वो पलटी.
जैसे ही वो पलटी, मुझसे टकराई और उसके 34 साइज़ के दोनों अमृत कलशों ने मेरी छाती पर चुम्बन किया.
वो लड़खड़ाती हुई पीछे गिरने ही लगी थी कि मैंने तुरंत उसे थामते हुए उसे कमर से पकड़कर अपनी तरह खींचा जिस कारण मेरा लंड उसकी चूत के ऊपर जा लगा.
खैर … हम दोनों संभल गए और लगभग एक मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को आंखों में आंखें डाल देखते रहे.
फिर मैंने आगे से उसको देखा, तेज चलती सांसों से उसके ऊपर नीचे होती 34 साइज़ की सुडौल और भरी भरी चूचियां … और उन पर बादामी गोल घेरे पर डार्क बदामी निप्पल. सलीके से शेव की हुई एकदम शानदार और चिकनी चूत.
मैंने अपने एक हाथ से उसके निप्पल को छूते हुए अञ्जलि से कहा- वाव, तुम्हारे बूब्स कितने शानदार और सख्त हैं …. और उस पर बादामी रंग की किशमिश मस्त हैं.
मैंने उसके एक चूचे को दबाते हुए उसे अपने पास खींचा और अपने मुँह में उसका चूचा लेकर उसके निप्पल को चूसा.
जैसे ही निप्पल को होंठों में लिया, उसके मुख से ‘आह … ईश्श …’ की मादक सिसकारी निकलने लगी.
उसी मदहोशी में अञ्जलि ने अपनी उंगलियों को मेरे सिर के पीछे से बालों में डाला और बालों को मुट्ठी में दबोच लिया.
उसकी एक चूची छोड़ कर दूसरी चूची को मुट्ठी में लिया और उसके निप्पल को जीभ से चाटते हुए सहलाया.
हम दोनों के भीतर का काम-प्रेम आंखों में साफ दिख रहा था.
मैंने अञ्जलि के कान के नजदीक पहुंच धीरे से कहा- अगर आप साथ दोगी तो एक घंटे बाद हम दोनों एक दूसरे को …
उसने सवाल भरी नजर से मुझे देखा.
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मैंने एकदम से कहा- क्यों न हम दोनों मिल कर गलती करें.
ये बोलकर मैंने अपने हाथ से उसकी कड़क चूची पर हल्का हल्का दबाते हुए सा छुआ और उंगलियों को गोल गोल उसके निप्पल की चारों तरफ घूमने लगा.
अञ्जलि ने आंखें बंद करके, बिना अपना मुँह खोले सिसकते हुए आहें भरीं और वासना के सागर में आनन्द भरे गोते लगाने लगी.
मैंने फिर से अञ्जलि के कान के पास धीमी आवाज में, गर्म सांसें मारते हुए कहा- आप और मैं आपस में मिलकर एक दूसरे के बदन पर प्रेम मोहर लगा सकते हैं.
ये बोलकर अपने लंड से उसकी चूत के होंठों पर छुआ दिया.
जिससे अञ्जलि ने हुंचक कर घुटी सी आह भरी और अपने दाएं हाथ से मेरा कंधा पकड़ लिया.
अपने हाथ को मेरी गर्दन पर ले जाकर उसने मुझे अपनी ओर खींच लिया और अपने होंठों से मेरे होंठों को पकड़ कर स्मूच करने लगी.
मैं लंड उसकी चूत पर ऊपर से नीचे और नीचे ऊपर की तरफ रगड़ते हुए, उसका स्मूच करते हुए भरपूर साथ दे रहा था.
अपने बाएं हाथ से अञ्जलि की चूची को दबाते हुए निप्पल को उंगली और अंगूठे में दबाया.
अपने निप्पल को मसलवाते हुए अञ्जलि ने अपने होंठों और दांतों में मेरे होंठ चूसने चबाने लगी, साथ ही तेज और लंबी सिसकारियां भरी सांसें लेने लगी.
मैंने चूत की दरार पर लंड रगड़ना जारी रखा और अपने हाथ उसकी दोनों चूचियों पर गोल घूमकर चूचियों को मरोड़ता और दबाता रहा.
दूसरे हाथ से उसकी कमर पर गुदगुदी भारी छुअन करता हुआ, चूचियों से हाथ फिराते हुए उसके सुडौल नितम्बों पर आ पहुंचा.
उसके दोनों नितम्बों के बीच की दरार पर अपनी सबसे लम्बी वाली उंगली से ऊपर नीचे उंगली मसाज करने लगा.
उसकी जांघों के बिल्कुल करीब अपनी दाईं टांग को उसकी टांगों के बीच डालकर, दो बार उसे टांग ऊपर उठाने का इशारा दिया.
तीसरा इशारा जब दिया तो अञ्जलि ने घुटने को मोड़कर अपनी टांग उठा दी.
मैंने अपने हाथ से उसकी जांघ को पीछे ही थामते हुए, दूसरे हाथ से अपने लंड को चूत की दरार पर लगा दिया.
फिर चूत के होंठों को खोलकर चूत की दरार के अन्दर लंड रगड़ने लगा.
जैसे ही लंड चूत के खुले होंठों में रगड़ा, अञ्जलि ने ‘इश्श … आहह. ..’ की भारी आवाज के साथ तेज सिसकारी भरी.
उस वक्त उसकी पूरी बॉडी कांप गई.
मदहोशी में भी अञ्जलि ने अपना बैलेंस बिगड़ने से बचने के लिए अपने बाएं हाथ से मेरी कमर पकड़ ली.
अञ्जलि ने अपना दूसरा हाथ उठाकर, मेरे बाएं कंधे को पकड़ और मुझे अपनी ओर खींचने लगी.
अपने गाल को मेरे निप्पल पर रगड़ने लगी.
मैं लंड को चूत के दोनों होंठों के बीच रगड़ता रहा.
अब अञ्जलि ने मुझे कमर से हल्का सा कस कर पकड़ लिया और अपने पैर के पंजों पर उठ कर मेरी गर्दन पर किस करने लगी.
मैंने अञ्जलि का पैर छोड़ा और दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ कर और हल्का सा झुककर एक झटके से अञ्जलि को गोद में उठा लिया.
खुद को संभालते हुए मैं अञ्जलि के साथ बाथरूम में घुस गया और अञ्जलि को गोद से उतारा.
अञ्जलि ने भी अपने बालों को बल देते हुए घुमाया और अपना जूड़ा कस कर बांधने के बाद, वहीं रखे हुए, वॉटर प्रूफ हेड कवर से अपने बालों को ढक लिया.
मैंने शॉवर चालू किया और अञ्जलि को अपनी तरफ खींच कर उसके होंठों को अपने होंठों में दबोच कर चूसने लगा.
तब मैंने उस नंगी लड़की के हाथ को पकड़ा और अपने लंड को उसके हाथ में देकर मजा लेने लगा, साथ ही उसकी चूचियों को दबाते हुए, दूसरे हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा.
कुछ देर बाद मैं और वो पूरी तरह से भीग गए, फिर मैंने वहां पर रखा शेम्पू उठाकर स्क्रबर पर डाल लिया. शॉवर बन्द करके उसकी गर्दन से शुरू करते हुए, उसकी पीठ को स्क्रबर से मलते हुए शम्पू से भरपूर झाग बना लिए.
उसकी चूचियों को, दोनों निप्पलों को स्क्रबर से खूब रगड़ते हुए दबाया और अञ्जलि का एक पैर उठा कर, वहीं पर रखी बाल्टी पर रख दिया.
उसको मैंने अभी अभी अञ्जलि के जूड़ा बांधने के समय, पलट कर उल्टा रख दिया था.
अञ्जलि का पैर बाल्टी पर रखने के बाद झाग भरे स्क्रबर से उसकी चूत को मसल कर रगड़ा, फिर अञ्जलि को पलट कर उसकी गर्दन को, कंधों और कमर को झाग भरे स्क्रबर से रगड़ कर मसलते हुए उसको गांड तक पहुंचा दिया.
एक हाथ से उसके दोनों चूतड़ों को अच्छी तरह मसलने के बाद गांड की दरार खोली और उसकी गांड की दरार को काफी देर तक स्क्रबर से रगड़ते हुए लाल कर दी. अपना दूसरा हाथ उसकी चूची पर ले जाकर चूचियों का मर्दन करने लगा.
गांड की दरार रगड़ते हुए, स्क्रबर के साथ अपने लंड को भी उसकी गांड की दरार पर घिसते हुए रगड़ा.
अञ्जलि को नीचे घुटनों के बल बैठा कर मैंने स्क्रबर से फिर से उसकी चूत को रगड़ा, फिर दोनों पैरों को मसल कर अञ्जलि को झाग से तर कर दिया.
कुछ देर बाद अञ्जलि ने शॉवर बन्द किया और शेम्पू और स्क्रबर से मुझे मसलने लगी.
मेरी गर्दन पर मसलते हुए मेरे निप्पलों को मसल कर, मेरे पेट को मसल कर उसने मुझे घुमा दिया. मेरी कमर कंधों पर स्क्रबर से रगड़ती हुई वो घुटनों के बल बैठ गई.
उसने अब तक मेरे नितम्बों में झाग भर दिया था. फिर बैठे बैठे ही उसने मुझे घुमाया और स्क्रबर से मेरा पेट, लंड सहित मुझे अच्छी तरह से रगड़ रगड़कर झाग से भर दिया.
इसके बाद अञ्जलि ने शॉवर चालू कर दिया.
मैं अञ्जलि के होंठों को अपने होंठों में भरकर चूसने लगा. अञ्जलि भी बराबर स्मूच में साथ देने लगी.
हम दोनों पर शॉवर से गिरता पानी बदन का झाग अपने साथ बहने लगा.
शॉवर से गिरते पानी में अञ्जलि के चूचे दबाते हुए अपने लंड को उसकी चूत की दरार पर धीरे धीरे धक्के लगा कर रगड़ने लगा.
उसकी चूचियों और निप्पल को मरोड़ते, मसलते हुए मैंने सारा झाग साफ कर दिया.
फिर अपने दोनों हाथों से उसकी गांड की दरार चौड़ी की, उसकी कमर से गिरते हुए पानी उसकी दरार को हाथ से मसलते हुए सारा झाग साफ कर दिया.
अञ्जलि ने भी बिना होंठों को छोड़े, अपने हाथों से मेरे बदन मलते हुए सारा झाग साफ कर दिया.
कुछ देर बाद होंठों को छोड़ कर अञ्जलि मुझे गर्दन पर चूमते हुए, मेरे निप्पलों पर पहुंची और बारी बारी से दोनों निप्पलों को मुँह में लेकर चूसने लगी.
मेरे लंड को हाथ से सहलाती हुई वो नंगी लड़की अपनी चूत की दरार पर रगड़ने लगी.
अपनी जीभ से बदन पर शॉवर के पानी में छाती चाटती हुई नीचे होती गई और घुटनों के बल बैठने के बाद लंड को अपने गाल पर रगड़ती हुई भीगने लगी.
फिर लंड को ऊपर से नीचे तक अपनी जीभ से चाटने लगी, लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
वो कभी लंड चूसती, कभी जीभ से टोपे को चाटती हुई अपने हाथ से आण्ड सहलाने लगती.
कुछ देर बाद मैंने उसे उठा कर खड़ी किया और उसके दोनों हाथों की कलाइयों को अपने पंजे में पकड़ कर उसकी चूचियों को बारी बारी चूसने लगा.
चूचियां चूसते हुए मैंने अपने दूसरे हाथ से लंड पकड़ा और उसकी चूत को लंड से पीटने लगा.
कुछ देर बाद मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत की दरार के अन्दर सरका दी और उसकी चूत को उंगली से चोदने लगा.
अञ्जलि की सिसकारियां शुरू हो गईं ‘आहह … ईस्स्स्स्स …. आमोद जी … और तेज करो.’
फिर मैं नीचे बैठा और उसकी एक टांग उठा कर उसके हाथ में थमा दी और अपनी उंगलियों से उसकी चूत खोल कर अपनी जीभ से उसकी चूत चाटने लगा, अपनी जीभ से उसकी चूत में डाल कर चूत चोदन करने लगा.
काफी देर तक अञ्जलि चूत चटवा कर मदहोशी में तैरती हुई अपनी चूचियों को अपने आप बेदर्दी से दबाने लगी, अपने निप्पल पर अपनी जीभ चलाने की कोशिश करने लगी.
मैंने उठ कर शॉवर बन्द कर दिया और उसको एक झटके से नीचे उल्टी रखी बाल्टी पर बैठा दिया और अपने लंड की पूरी खाल पीछे करके लाल टोपा उसके मुँह में दे दिया.
अञ्जलि लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैं कुछ देर बाद धीरे धीरे उसके मुँह में धक्के लगाने लगा, जिससे मेरा लंड उसके हलक तक पहुंच गया.
अञ्जलि कभी लंड चूसती, कभी चाटती, कभी कुल्फी की तरह लंड को साइड से होंठों में दबाकर चूसती.
फिर उसने मेरे लंड को मुँह में पूरा भर लिया और चूसने लगी.
वो अपने दूसरे हाथ से लंड सहलाती हुई मुठियाने लगी.
लंड चाटते हुए नत्थूलाल के फटे हुए सिर के छेद को जीभ नुकीली करके चाटने लगी.
जिससे अब मेरे मुँह से आहें निकलने लगी- ओह हम्म … ओह यस बेबी … यू आर सो सेक्सी … हां चूस लो पूरा चूस लो. आज ये तुम्हारा है.
अञ्जलि पूरे मजे लेते हुए लंड चूसती हुई उसके साथ खेल रही थी.
कुछ देर बाद उसने लंड मुँह से निकाला और अपनी चूचियों पर बारी बारी पीटने के बाद अपने निप्पलों को नत्थूलाल के फटे सिर पर रगड़ने लगी.
मैंने उसकी दोनों चूचियों को पकड़कर उसके बीच में लंड लगाया और चूचियों को दबा कर धक्के मारने लगा.
उसने अपनी जीभ निकाली और टोपे को चाटने लगी.
कुछ देर बाद मैं वहीं फर्श पर लेट गया और उसकी चूत की दरार को खोल कर अपने मुँह पर बैठा लिया, फिर अपनी जीभ से उसकी गुलाबी दरार में गुदगुदी करके चूत के दोनों पतले पतले होंठों को अपने होंठों में दबोच कर चूत चूसने लगा.
अञ्जलि भी 69 मुद्रा में झुक कर लंड के साथ खेलने लगी.
मैंने अपने हाथ की सबसे बड़ी उंगली अञ्जलि की चूत में घुसा दी और अन्दर बाहर करते हुए अंगूठे से उसकी चूत का दाना सहलाता रहा और चूत चाटता रहा.
अञ्जलि अपने दोनों हाथों से अपनी चूचियों का मर्दन करने लगी.
मैं उंगली से चोदने लगा और उसकी चूत के होंठों को अपने होंठों में ले कर मैगी नूडल्स की तरह अपने मुँह में खींचते हुए चूसने लगा.
फिर अञ्जलि ने मुझपर से उठी और खड़ी होती हुई उसने मुझे उठाया.
मैंने उठते हुए उसकी जांघों के बीच हाथ फंसा दिया. उसका दायां पाँव उठा कर थाम लिया. अपने दूसरे हाथ से उसका हाथ पकड़ा और उसकी दो उंगलियों को उसकी चूत पर रख दिया.
उंगलियों को खोल कर चूत के होंठों को खोलने का इशारा दे दिया, जिससे कामरस के सागर में गोते लगाती हुई अञ्जलि ने समझ लिया और चूत के होंठ खोल कर लंड को चूत के पूरे खुले होंठों के अन्दर तक रगड़ने लगी.
मैंने एड़ी उचका कर लंड को उस नंगी लड़की की चूत में डालना चाहा, तो वो बोली- नो डार्लिंग, लंड अन्दर नहीं करना है. यहां पर सिर्फ फ़ोरप्ले करेंगे … चुम्मी करेंगे, चुसाई करेंगे; बाकी चूत चढ़ाई पलंग के रणक्षेत्र पर करेंगे और कवच के साथ. अभी सिर्फ चूत-लंड युद्ध का रणाभ्यास ही होगा.
उसके मुँह से इतना साहित्यपूर्ण प्रवचन सुना तो मेरे होंठों पर मुस्कान आ गई.
दोस्तो, नंगी लड़की फोरप्ले सेक्स कहानी के अगले भाग में चुदाई की दास्तान लिखूँगा.
आप मुझे मेल लिखना न भूलें.
आमोद कुमार
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नंगी लड़की फोरप्ले सेक्स कहानी का अगला भाग: आल पोर्न गर्ल सेक्स कहानी